Sunday 7 July 2013

प्रभु


                                           एक 

प्रभु तू क्या चाहता है
कुछ समझ न आता है

राजा को रंक बनाता है
और रंक को राजा बनाता है
प्रभु कैसा ये खेल रचाता है
कुछ समझ न आता है

कभी सुनामी लाता है 
कभी भूकंप मचाता है 
हर ओर हाहाकार मच जाता है 
कुछ समझ न आता है 

                                                दो 
                                      
प्रभु ऐसी परीक्षा न लिया करो 
हम बच्चे तेरे नादान हैं 
इक तुम्ही हमारा सहारा हो 
तुम्ही विश्वास हमारा हो 
हम पर दया किया करो 
प्रभु ऐसी परीक्षा न लिया करो 



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